औंढा नागनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन से बनेंगे बिगड़े काम

औंढा नागनाथ को भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से आठवां, एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान माना जाता है. 

यह महाराष्ट्र के हिंगोली जिले के औंढा नामक तहसील में स्थित है.

मान्यता है कि यह मंदिर महाभारत के समय का है और माना जाता है कि इसका निर्माण ज्येष्ठ पांडव युधिष्ठिर ने किया था, जब उन्हें हस्तिनापुर से 14 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था. 

हालांकि, मुगल बादशाह औरंगजेब ने मंदिर को नष्ट करने के उद्देश्य से इसे तुड़वाया लेकिन वह सफल नहीं हो सका और बाद में, महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने इसकी मरम्मत कराई. 

इस मंदिर की सबसे अनोखी बात यह है कि यहां नंदी की मूर्ति मंदिर के आगे होने के बजाय पीछे है. हैरानी की बात है कि अन्य हिंदू मंदिरों से अलग यह मंदिर पश्चिम मुखी है.

यहां महर्षि वेद व्यास, भगवान गणेश, भगवान विष्णु, नीलकंठेश्वर, पांडवों, भगवान दत्तात्रेय और दशावतार की तरह अन्य देवताओं के लिए 12 छोटे मंदिर हैं.

श्रावण, महाशिवरात्रि और दशहरा यहां के प्रमुख त्यौहार हैं. माघ से फाल्गुन तक एक विशाल मेला मंदिर परिसर में आयोजित किया जाता है. 

इस मंदिर की बहुत ज्यादा मान्यता है और दूर-दूर से लोग यहां नागनाथ के दर्शन करने आते हैं.