गलत आईटीआर फॉर्म करदाताओं को ध्यान देना चाहिए कि इनकम और टैक्सपेयर के टाइप आधार पर सात आईटीआर फॉर्म हैं. अगर आप गलत फॉर्म चुनते हैं, तो आपका रिटर्न प्रोसेस नहीं हो सकता है. अगर आयकर विभाग को गलत फॉर्म मिलता है, तो आपको डिफेक्ट नोटिस मिलने की संभावना है.
गलत मूल्यांकन वर्ष (Assessment Year) कभी-कभी आम आदमी आकलन वर्ष (Assessment Year) और वित्तीय वर्ष (Financial Year) को लेकर कंफ्यूज हो जाता है. आपको बता दें कि मूल्यांकन वर्ष, वित्तीय वर्ष के बाद आता है. अगर आप वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अपनी आय की रिपोर्ट कर रहे हैं, तो आपका संबंधित मूल्यांकन वर्ष 2023-24 है. अगर आप गलत मूल्यांकन वर्ष का उल्लेख करते हैं, तो आईटीई फाइलिंग अधूरी रहती है.
बैंक खाते को प्री-वैलिडेट न करना अगर आप अपने बैंक खाते को प्री-वैलिडेट करने में विफल रहते हैं तो आपकी आयकर रिफंड प्रक्रिया में देरी होगी. अपना आईटीआर दाखिल करते समय, आपको यह जांचना होगा कि आपका बैंक खाता प्री-वैलिडेटेड है या नहीं.
कर भुगतान में देरी आपको टैक्स भुगतान में देरी नहीं करनी चाहिए क्योंकि 31 जुलाई टैक्स भुगतान की आखिरी तारीख है. समय पर आईटीआर दाखिल नहीं करने पर अनपेड टैक्स लाइबिलिटी पर 1% प्रति माह का ब्याज लगेगा.
गलत टीडीएस जानकारी करदाताओं को आयकर वेबसाइट से फॉर्म 26AS डाउनलोड करना होगा और अगर आप एक वेतनभोगी/सैलरीड व्यक्ति हैं तो अपने नियोक्ता/कंपनी से फॉर्म 16 लेना होगा. ये दस्तावेज़ महत्वपूर्ण हैं और यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी आय और टीडीएस जानकारी आईटी विभाग के डेटाबेस में दर्ज हैं और कोई गलतियां नहीं हैं.
इनकम डिटेल्स नहीं बताना आईटीआर दाखिल करते समय, आपको साल के दौरान अर्जित आय के सभी स्रोतों का खुलासा करना होगा. पैन सभी आय से जुड़ा हुआ है, इसलिए कोई भी असूचित आय रिटर्न के मूल्यांकन और जांच में दिखाई देगी.
आईटीआर को ई-वेरिफाई न करना अपना आईटीआर दाखिल करने के बाद, पूरी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए रिटर्न को ई-वेरिफाई करना न भूलें. इसमें आपको एक साइन्ड फिजिकल कॉपी केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र को भेजनी होगी या आधार ओटीपी का उपयोग करके ई-वेरिफाई करना होगा.