महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
पुलिस ने बताया कि बाबा सिद्दीकी की हत्या में इस्तेमाल दो पिस्टलों में से एक देसी पिस्टल है, जबकि दूसरी यूरोपियन मेड GLOCK पिस्टल है.
ग्लॉक पिस्टल 1980 के दशक में गैस्टन ग्लॉक द्वारा बनाई गई थी. इस शानदार पिस्टल को पहली बार 1982 में ऑस्ट्रियाई सैन्य और पुलिस सेवा द्वारा इस्तेमाल किया गया था.
ग्लॉक पिस्टल पॉलीमर से बनने के कारण बहुत हल्की होती है. जिसके कारण इसे आसानी से पकड़ा जा सकता है.
ग्लॉक पिस्टल का निशाना अचूक रहता है. इससे चलाई गोली सीधा अपने निशाने पर ही जाकर लगती है.
ग्लॉक पिस्टल खराब नहीं होता. इसकी मजबूती का अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि इसे हेलिकॉप्टर से गिराने के बाद भी इसमें कुछ नहीं होता.
ग्लॉक 17 पिस्टल में 9mm की कोई भी गोलियां लग सकती हैं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह गोली किस बंदूक के लिए बनाई गई है.
ग्लॉक पिस्टल कोई आम बंदूक नहीं है. यह एक बहुत ही भरोसेमंद पिस्टल है.