बैंक लॉकर के साथ ग्राहक को एक चाबी मिलती है और दूसरी बैंक के पास रहती है.
लॉकर खोलने के लिए बैंक पहले अपनी चाबी लगाता है और फिर ग्राहक अपनी चाबी को लगाता है. दोनों चाबी लगाने पर ही लॉकर खुलता है.
किसी ग्राहक से लॉकर की चाबी गुम हो जाती है तो ऐसी स्थिति में बैंक को एक एप्लीकेशन लिखकर इसकी जानकारी देनी होगी.
चाबी खोने की एफआईआर भी थाना में दर्ज करानी होगी. एफआईआर की कॉपी भी बैंक में जमा करनी होगी.
बैंक ग्राहक को नई चाबी चार्ज लेकर दो प्रकार से देता है. पहला डुप्लिकेट चाबी देकर और दूसरा नया लॉकर जारी कर.
लॉकर तोड़ कर उसका सारा सामान दूसरे लॉकर में शिफ्ट किया जाएगा और उसकी चाबी ग्राहक को दे दी जाएगी.
बैंक लॉकर को खोलने से लेकर तोड़ने तक, हर काम के दौरान ग्राहक और बैंक अधिकारी दोनों ही मौजूद होते हैं.
यदि लॉकर ज्वाइंट में लिया गया है तो सभी मेंबर्स का लॉकर तोड़ने के समय वहां उपस्थित रहना जरूरी है.
यदि ग्राहक लिखित में दे कि उसकी गैर-मौजूदगी में भी लॉकर तोड़ा जा सकता है तो उसे तोड़कर उसमें मौजूद सामान को दूसरे लॉकर में शिफ्ट किया जा सकता है.