बसंत पंचमी के दिन सरस्वती जी की पूजा करने से ज्ञान और कला के क्षेत्र में व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.
इस विशेष दिन से बसंत ऋतु का भी शुभारंभ होता है. इस दिन सुबह-सुबह कुछ काम करने से आपको शुभ परिणाम प्राप्त होगा.
बसंत पंचमी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद सबसे पहले सूर्यदेव को अर्घ्य दें.
सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद सरस्वती मंत्र का जाप करें. इस दौरान साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें.
इसके बाद एक चौकी पर मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करें. शहद और दूध के साथ जल से इसका अभिषेक करें. उसके बाद प्रतिमा को आसन पर विराजित करे.
मां सरस्वती को पीले फूल और सफेद फूल के साथ कमल के फूल बेहद प्रिय हैं, इसलिए उन्हें जरूर अर्पित करें.
इस बात का ध्यान रखें कि ये सभी काम ब्रह्म मुहूर्त (ब्रह्म मुहूर्त मंत्र) के दौरान ही करें.
मां सरस्वती के लिए मीठे पीले चावल का भोग बनाएं.
अगर आप इस दौरान सरस्वती यंत्र की स्थापना करने की सोच रहे हैं, तो शुभ मुहूर्त देखकर ही स्थापित करें.
अंत में पूजा-अनुष्ठान करने के बाद हवन कराएं. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा.