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गरुड़ पुराण को हिंदू धर्म का एक जरूरी ग्रंथ माना गया है. इसमें धर्म से लेकर कर्म और मोक्ष से जुड़े गहरे विचार लिखे हैं.
इस ग्रंथ में जीवन के बाद के रहस्यों, पाप और पुण्य के प्रभावों का विस्तृत वर्णन किया गया है.
गरुड़ पुराण के अनुसार, अन्याय और अधर्म को बढ़ावा देना घोर पाप माना गया है.
किसी निर्दोष की हत्या, स्त्रियों पर अत्याचार और झूठी गवाही देना भी महापाप की श्रेणी में आता है.
भ्रूण हत्या और माता-पिता का अपमान करना, शास्त्रों के अनुसार, अत्यंत दंडनीय कर्म हैं.
किसी का विश्वास तोड़ना, दूसरों को धोखा देना और जानबूझकर किसी को नुकसान पहुंचाना भी गंभीर पापों में शामिल है.
गरुड़ पुराण में कहा गया है कि निर्बल, असहाय और जरूरतमंदों की सहायता न करना भी एक बड़ा पाप है.
लालच, अहंकार और अन्याय के मार्ग पर चलना आत्मा को पतन की ओर ले जाता है.
अपने स्वार्थ के लिए किसी को मानसिक या शारीरिक कष्ट देना भी पापों में गिना गया है.
नोट- यहां बताई गई बातें सामान्य जानकारी पर आधारित है. Gnttv.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.