खुशी और गम दोनों एक सिक्के के दो पहलू हैं.
दुनिया में कोई खुश है तो कोई दुखी.
लेकिन कुछ लोग हैं जिनकी जिंदगी में दुख कम होने का नाम ही नहीं लेते हैं.
वो लोग चाहें भी तब भी खुश नहीं रह पाते हैं.
ये लोग आगे जीवन में भी तरक्की नहीं कर पाते हैं.
आचार्य चाणक्य ने ऐसे 3 लोगों का जिक्र किया है जो जीवन में कभी खुश नहीं रह पाते हैं.
इसमें पहला वह व्यक्ति है जिसका बेटा नालायक है. ऐसे मां-बाप कभी खुश नहीं रह पाते हैं.
दूसरे वह जिनके पिता ऋणी हैं और वे कभी इसे नहीं चुका पाते तो ऐसे लोग जीवनभर दुखी रहते हैं.
तीसरा, वो व्यक्ति जिसकी मां बुरा आचरण करती है और असभ्य है. ऐसे लोग जीवन में कभी खुश नहीं रह पाते हैं.