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छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को पुणे के पास स्थित शिवनेरी किले में हुआ था. उनके पिता का नाम शाहजी भोंसले और माता का नाम जीजाबाई था.
शिवाजी के पिता शाहजी भोंसले पुणे के जागीरदार थे. बीजापुर के सुल्तान आदिलशाह के यहां उच्च अधिकारी भी थे. शिवाजी की मां जीजाबाई ने शिवाजी को खुद प्रशासन और युद्ध कौशल की शिक्षा दी थी.
छत्रपति शिवाजी महाराज ने दक्षिण में मराठा साम्राज्य का विस्तार किया था. उन्होंने औरंगजेब जैसे मुगल बादशाह को नाकों चने चबवा दिए थे.
साल 1645 में जब आदिलशाह की सेना ने पुणे स्थित तोरणा किले पर हमला किया था तब शिवाजी की उम्र सिर्फ 15 साल थी. उन्होंने इस युद्ध में हिस्सा लिया और जीत में अहम भूमिका निभाई थी.
1646 ईस्वी में मराठों और आदिलशाह की सेना के बीच एक और युद्ध हुआ था. इसे रायगढ़ के युद्ध के नाम से जाना जाता है. शिवाजी ने इस युद्ध में आदिलशाही सल्तनत के जनरल को हरा कर रायगढ़ किले पर कब्जा किया था.
शिवाजी ने रायगढ़ में मिली जीत के बाद रायगढ़ के किले को अपनी राजधानी बनाया और यहीं से मराठा साम्राज्य के गठन और विस्तार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए.
शिवाजी ने मुंगलों से कई किले जीते थे. उन्होंने रायगढ़ का किला, तोरणा, प्रतापगढ़, शिवनेरी, लोहागढ़, सिंधुदुर्ग, सिंहगढ़, जुन्नार और पुरंदर का किला जीता था.
शिवाजी को 6 जून 1674 को रायगढ़ किले में छत्रपति की उपाधि से नवाजा गया था और वह मराठा साम्राज्य के सर्वमान्य अगुवा बन गए थे.
शिवाजी ने रायगढ़ को अपनी राजधानी बनाया ही था. इसके अलावा राजगढ़, प्रतापगढ़, सिंधु दुर्ग, शिवनेरी से लेकर लोहगढ़, सिंहगढ़ होते हुए तमिलनाडु के जिंजी तक मराठा परचम फहराया था.