10 साल में बना था मुंबई का छत्रपति शिवाजी टर्मिनस

छत्रपति शिवाजी टर्मिनस मुंबई का सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन है. यह विक्टोरियन गोथिक रिवाइवल वास्तुकला और भारतीय पारंपरिक वास्तुकला का मिश्रित रूप है. 

इस टर्मिनस का मूल नाम विक्टोरियन टर्मिनस था जिसकी स्थापना 20 जून 1887 को हुई थी और इसे इटली के एक आर्किटेक्ट, एफ डब्ल्यू स्टीवंस ने डिजाइन किया था. 

1878 में जब इस इमारत का निर्माण शुरू हुआ था, उस समय आर्किटेक्ट विलियम स्टीवंस की उम्र 31 वर्ष थी और उन्हें इस काम के लिए 24,000 डॉलर का भुगतान किया गया था. 

इस टर्मिनस के निर्माण में 10 साल लगे थे. टर्मिनस का निर्माण 1878 में शुरू हुआ और दस साल बाद पूरा हुआ. 

जिस जगह आज यह स्टेशन खड़ा हुआ है वह एक जमाने में मात्र एक स्टोरहाउस हुआ करता था. इस जगह को मूल रूप से 'बोरी बंदर' कहा जाता था.

यह स्टेशन पूर्वी मुंबई में स्थित था, जो सभी कमर्शियल और ट्रेड सर्विसेज के लिए मुख्य स्टेशन था. 

साल 1996 में स्टेशन का नाम विक्टोरियन टर्मिनस से बदलकर छत्रपति शिवाजी टर्मिनस कर दिया गया. 

छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस में एक केंद्रीय गुंबद है जिसके ऊपर 'Statue of Progress' है. यह एक लेडी की प्रतिमा है जिसका दाहिना हाथ ऊपर की तरफ एक मशान पकड़े हुए है और उसके बाएं हाथ में एक चक्र प्रगति का प्रतीक है. 

यह टर्मिनस एशिया के सबसे व्यस्त ट्रेन टर्मिनस में से एक है और हर दिन लाखों लोग इसका उपयोग यात्रा के लिए करते हैं.