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आजकल माता-पिता में एक दौड़ है कि किसका बच्चा ज्यादा सफल होता है.
लेकिन सफलता से ज्यादा बच्चों के अच्छे विकास, सोच और संस्कारों पर फोकस करना चाहिए.
हालांकि, एक फॉर्मूला ऐसा है जिससे माता-पिता बच्चे के हर तरह से विकास को बैलेंस कर सकते हैं.
यह फॉर्मूला है- 9:5:2 यानी कि बच्चे के समय को इस तरह से बांटें.
बच्चे को 9 घंटे की अच्छी नींद लेने दें ताकि उनका दिमाग एकदम फ्रेश हो जाए. बचपन से ही बच्चों को अच्छी नींद की आदत डालनी चाहिए.
5 घंटे की सेल्फ-स्टडी. स्कूलों में जो पढ़ाया जाता है वह काफी नहीं होता है. ऐसे में, बच्चों को 5 घंटे खुद से पढ़ने दें.
2 घंटे खेल का ब्रेक. बच्चों को पूरे रूटीन में 2 घंटे कम से कम खेलने के लिए दें. यह फायदेमंद तभी है जब आप आउटडोर खेल खेलते हैं.
माता-पिता अक्सर यह गलती करते हैं कि वे बच्चों को पढ़ाई के लिए बहुत ज्यादा प्रेशर करते हैं जबकि उन्हें समझना चाहिए कि बैलेंस बनाने की जरूरत है.
बच्चों की पढ़ाई, खाने-पीने और खेल-कूद के बीच एक संतुलन बिठाने के लिए यह बेस्ट फॉर्मुला है.