1 MARCH 2023

वास्तु के अनुसार चुनें होली का रंग, बढ़ेगी सुख-समृद्धि

By: Shivanand Shaundik

हिंदू मास के मुताबिक, होली के दिन से नए संवत की शुरुआत होती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, रंग सुख, सौभाग्य और खुशहाली के प्रतीक माने जाते हैं.

माना जाता है कि होली के हर रंग का प्रभाव अलग होता है. कहा जाता है कि वास्‍तु के अनुसार, रंगों का चयन अगर सोच-सम‍झकर क‍िया जाए तो जीवन से नकारात्‍मकता को दूर कर सुख-सौभाग्‍य में वृद्धि की जा सकती है.

वास्‍तु शास्त्र के अनुसार, लाल रंग दक्षिण पूर्व दिशा का प्रतीक माना जाता है. कहते हैं कि इस रंग से होली खेलने से सेहत और प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है.

वास्‍तु के मुताबिक, नारंगी रंग समाज‍िकता का प्रतीक माना जाता है. इसके अलावा लाल रंग की तुलना में नारंगी रंग अत्‍यधिक संकोची माना जाता है.

वास्‍तु की मानें तो गुलाबी रंग से होली खेलने से प्रेम भाव में बढ़ोत्तरी होती है. होली वाले दिन जीवनसाथी के साथ इस रंग से होली खेलना शुभ माना जाता है.

वास्‍तु के मुताबिक, पीले रंग का खास महत्व है. इस रंग से होली खेलना अच्छा माना जाता है. कहते हैं कि पीले रंग का इस्तेमाल ड्राइंग रूम या फ‍िर हॉल में क‍िया जा सकता है.

वास्तु की मानें तो नीला रंग सुरक्षा की भावना को प्रबल करता है. ज्यादा चिंता करने वाले लोगों को अपने कमरे में इस रंग का इस्तेमाल करना चाहिए. इस रंग से होली खेलना शुभ होता माना जाता है.

वास्‍तु के अनुसार, बैंगनी रंग आध्‍यात्मिकता का प्रतीक माना जाता है. धर्म-अध्‍यात्‍म की ओर अग्रसर करते इस रंग से होली खेलना शुभ माना जाता है. पूजा घर में भी इस रंग का प्रयोग किया जा सकता है.