ईसाई समुदाय के लोग क्यों मनाते हैं पाम संडे

पाम संडे से ईसाई धर्मावलंबियों के पर्व की शुरुआत होती है.

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येशु मसीह को ईसाई धर्म का उपदेशक और धर्म गुरू भी माना जाता है.

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धार्मिक मान्याताओं के अनुसार, यीशु जब यरुशलम पहुंचे थे, तो वहां के लोगों ने खजूर की डालियां लहराकर उनका स्वागत किया था.

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इस दिन की याद में हर साल रविवार के दिन पाम संडे मनाया जाता है.

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खजूर के पेड़ को अग्रेजी में  Palm Tree कहते हैं. 

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दक्षिण भारत में पाम संडे को 'पैसन संडे' भी कहा जाता है.

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पाम संडे के मौके पर ईसाई समुदाय के लोग चर्च जाकर बाइवल का पाठ करते हैं.

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खजूर की डालियों की पत्तियों को सालभर संभाल कर रखा जाता है.

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अगले साल इनको जलाकर इनकी राख बनाई जाती है और इसकी राख को ऐश बुधवार पर यूज किया जाता है.

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