आपने आसमान में कभी न कभी टूटता हुआ तारा ज़रूर देखा होगा. बहुत से लोग टूटते हुए तारे को देखकर मन की मुराद मांगते हैं.
ये मान्यता चली आ रही है कि टूटता तारा देखने पर जो मनोकामना की जाती है, वह पूरी हो जाती है.
हम जिसे टूटता हुआ तारा कहते हैं वो उल्का (Meteoroid) होते हैं. अंतरिक्ष में लाखों उल्कापिंड घूमते रहते हैं.
लेकिन प्राचीन लोगों की नजर में ये एक दैवीय घटना थी. इस वजह से उस समय के लोग इसे देखकर मनचाही इच्छा मांगते थे.
वहीं से ये मान्यता चली आ रही है. वैसे तो वायुमंडल में उल्का का प्रवेश करना आम बात होती है.
मगर उस गिरते हुए उल्का यानी टूटते तारे को देखना एक दुर्लभ घटना है. क्योंकि, ये बहुत थोड़े समय के लिए ही दिखाई देते हैं.
इसी कारण से जो लोग इसे देखते हैं, वे अपने आप को सौभाग्यशाली मानते हैं. ये अन्धविश्वास आज का नहीं बल्कि सदियों पुराना है.
अगर इच्छा पूरी होने की बात करें, तो टूटता हुआ अंतरिक्ष का पत्थर इच्छा पूरी करने की क्षमता नहीं रखता है.