फ्लाइट में खाने का टेस्ट क्यों बदल जाता है?

Image Credit: Meta AI

प्लेन में सफर के दौरान ज्यादातर लोगों को खाने का स्वाद अच्छा नहीं लगता है. कई लोग इसके लिए एयरलाइंस को जिम्मेदार मानते हैं. चलिए इसके पीछे की असली वजह बताते हैं.

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एक रिपोर्ट के मुताबिक फ्लााइट में खाने का टेस्ट बैकग्राउंड नॉइस, प्रेशराइज्ड केबिन और ड्राई एयर की वजह से प्रभावित होता है.

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एक्सपर्ट्स मानते हैं कि प्लेन के अंदर सबसे पहले सूंघने की क्षमता कम हो जाती है. इसके अलावा जैसे-जैसे विमान ऊंचाई पर जाता है, हवा का दबाव और नमी का लेवल कम होता है.

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हवा में  केबिन प्रेशर आपके रक्त में ऑक्सीजन के लेवल को कम करता है. जिससे गंध की प्रतिक्रिया कम संवेदनशील हो जाती है और सूंघने की शक्ति कम हो जाती है.

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रिसर्च के मुताबिक जब आप 35,000 फीट की ऊंचाई पर होते हैं तो आपके स्वाद में 20 से 50 फीसद तक की कमी आ जाती है.

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इसका मुख्य कारण ड्राई केबिन है, जो आपके नासिका मार्ग को सुखा देता है, जिससे टेस्ट बड्स कम काम करते हैं.

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एक रिसर्च के मुताबिक जब आप आसमान में होते हैं तो आपकी सेंसेज पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. ये भी एक वजह है कि आपको खाना अच्छा और स्वादिष्ट नहीं लगता है.

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एक अध्ययन में पाया गया है कि जब हम हवा में उड़ रहे होते हैं तो अपनी मीठी और नमकीन इंद्रियों को ही छोड़ देते हैं. खट्टा, कड़वा और मसालेदार स्वाद लगभग अप्रभावित रहता है.

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कुछ एयरलाइंस ने ऐसे मेन्यू विकसित किए हैं, जिनमें टमाटर आधारित व्यंजन चुने गए हैं, जिनका स्वाद हवा में और भी बढ़ जाता है.

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