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दिवाली का त्योहार हिंदु धर्म का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है. जिसकी तैयारियों में लोग भी कई दिनों पहले से ही जुट जाते हैं.
अपने घरों और ऑफिसों को जग-मग करने और सजाने के लिए सब ढेर सारे दीये और अन्य सामान खरीदते हैं.
और अकसर दिवाली बीत जाने के बाद बचें हुए दिए और पूजा में इस्तेमाल हुए दीयों को कूड़े-कचरे के ढेर में फेंक देते हैं.
अगर आप भी ऐसा करते है तो आप पाप के भागीदारी बन सकते हैं. ऐसा करना अशुभ माना जाता है. जानिए क्यों और क्या कर सकते है बचे हुए दियों का.
कहा जाता है कि दीयों में मां लक्ष्मी का वास होता है. दीयों को फेंकने से मां लक्ष्मी का अपमान होता है.
पूजा में इस्तेमाल हुए दीपक को मिट्टी में दबा दें और किसी पेड़ के नीचे भी गाड़ सकते हैं.
लक्ष्मी जी और गणेश भगवान की पूजा के समय 5 दीपक जलाए जाते हैं, जिन्हें आप पूजा के बाद गंगा जी में विसर्जित कर सकते है. जिससे आप नकारात्मकता से भी बचेंगे.
हर साल लक्ष्मी माता के समकक्ष जलाया गया दीपक नया होना चाहिए. आप पुराने बचे हुए दीपकों से छत, बालकनी, और आंगन में रोशनी कर सकते हैं.
बचे हुए दीयों को संभाल कर भी रख सकते हैं और जब कभी भी मंदिर जाएं, तब उन दीयों को मंदिर में जला सकते है.