Photo Credits: Wikipedia/Dr. Manmohan Singh
डॉ. मनमोहन सिंह साल 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे. सिंह 1991 में उस समय देश के वित्त मंत्री बने, जब भारत गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा था.
डॉ सिंह की लिबरलाइजेशन, प्राइवेटाइजेशन और ग्लोबलाइजेशन (LPG) की नीतियों से अर्थव्यवस्था में अभूतपूर्व बदलाव आया. देश संकट से तो उबरा ही, आज भारत की वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी धाक है.
मनमोहन सिंह के नेतृत्व में भारत ने कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल कीं. इन उपलब्धियों में मनरेगा, शिक्षा का अधिकार (RTI), खाद्य सुरक्षा अधिनियम (FSA) और आधार जैसी योजनाएं शामिल हैं.
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) 2005 में लागू MGNREGA योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार गारंटी प्रदान करने के लिए शुरू की गई. इसका उद्देश्य ग्रामीण परिवारों को हर साल 100 दिनों का काम उपलब्ध कराना था.
MGNREGA योजना भारत में गरीबी उन्मूलन की दिशा में मील का पत्थर साबित हुई. साथ ही, यह ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करने का भी माध्यम बनी.
आधार कार्ड योजना 2009 में शुरू हुई आधार योजना ने भारत में डिजिटल पहचान की एक नई परिभाषा दी. इसका उद्देश्य नागरिकों को एक यूनिक आईडी देना था, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे उनके बैंक खातों तक पहुंचाया जा सके.
शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2010 में लागू किया गया यह अधिनियम 6-14 वर्ष के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने की गारंटी देता है. इसने शिक्षा में असमानता को दूर करने और स्कूल छोड़ने की दर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 में लागू किया गया खाद्य सुरक्षा अधिनियम (Food Security Act) गरीबों को सस्ती दरों पर अनाज उपलब्ध कराने के लिए एक क्रांतिकारी कदम था. इसके तहत, गरीब परिवारों को 1 से 3 रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं, चावल, और मोटा अनाज दिया गया.
डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर मनमोहन सरकार ने 1 जनवरी 2013 को डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT) की शुरुआत की थी. इसका मकसद सब्सिडी और वित्तीय लाभ सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर करना है.