वृंदावन से दुनिया भर में प्रसिद्ध हुए प्रेमानंद जी महाराज अपने विचारों के लिए जाने जाते हैं.
प्रेमानंद जी के सत्संग और विचारों को सुनने के लोगों की भारी भीड़ जमा होती है. सोशल मीडिया पर भी उनकी वीडियों खूब देखी जाती है.
लोग बाबा की दिनचर्या ही नहीं उनकी जीवनशैली और बीमारी को देखकर दंग रह जाते हैं. इसकी वजह प्रेमानंद जी महाराज की दोनों किडनियों का खराब हो जाना है.
उन्हें किडनी से संबंधित बहुत ही भयंकर बीमारी थी, जिसके चलते युवा अवस्था में ही उनकी दोनों किडनी खराब हो गई.
जहां कोई आम शख्स बिना किडनी एक वर्ष भी स्वस्थ नहीं रह पाता. वहां पिछले 18 सालों से प्रेमानंद जी महाराज बिना किडनी के अपने दैनिक कार्य खुद करते हैं, सिर्फ चार घंटे की नींद लेते हैं.
वृंदावन की परिक्रमा लगाने के साथ ही स्वस्थ जीवन जी रहे हैं. ऐसे में लोग जानना चाहते हैं कि आखिर महाराज की को कौनसी गंभीर बीमारी थी कि उनकी दोनों किडनी खराब हो गई.
प्रेमानंद जी महाराज जी को ऑटोसोमल डोमिनेंट पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज थी. एक्सपर्ट्स की मानें तो यह बीमारी जेनेटिक होती है.
यह बीमारी 30 से 50 साल की उम्र में उभर जाती है. यह बीमारी किडनी की गंभीर बीमारियों में से एक होती है.