(Photos Credit: Unsplash/Pexels/Piabay)
माह-ए-नौ देखने तुम छत पे न जाना हरगिज़ शहर में ईद की तारीख़ बदल जाएगी - जलील निज़ामी
अगर हयात है देखेंगे एक दिन दीदार कि माह-ए-ईद भी आख़िर है इन महीनों में - मिर्ज़ा रज़ा बर्क़
ऐ हवा तू ही उसे ईद-मुबारक कहियो और कहियो कि कोई याद किया करता है - त्रिपुरारि
ईद आई तुम न आए क्या मज़ा है ईद का ईद ही तो नाम है इक दूसरे की दीद का - अज्ञात
ईद का दिन है गले आज तो मिल ले ज़ालिम रस्म-ए-दुनिया भी है मौक़ा भी है दस्तूर भी है - क़मर बदायुनी
ईद के बा'द वो मिलने के लिए आए हैं ईद का चाँद नज़र आने लगा ईद के बा'द - अज्ञात
देखा हिलाल-ए-ईद तो आया तेरा ख़याल वो आसमाँ का चाँद है तू मेरा चाँद है - अज्ञात
हासिल उस मह-लक़ा की दीद नही ईद है और हम को ईद नहीं - बेखुद बदायुनी