Photo Credits: Facebook/Instagram
उत्तराखंड के ऋषिकेश में बाड़कोट गांव के 44 वर्षीय संस्थापक हरिओम नौटियाल धन्य धेनु नाम से अपना फूड स्टार्टअप चला रहे हैं.
धन्य धेनु ब्रांड के तहत हरिओम महिलाओं को सशक्त बनाते हुए डेयरी उत्पादों और अचार का कारोबार कर रहे हैं. वह 20 से ज्यादा तरह के अचार और 30 से ज्यादा तरह की आइस क्रीम बनाते हैं.
कुछ साल पहले तक वह बंगलुरु में बतौर IT इंजीनियर काम करते थे और एक लाख रुपए प्रति माह कमाते थे. लेकिन शहरी जिंदगी उन्हें रास नहीं आ रही थी.
नौकरी छोड़कर वह अपने गांव लौट आए. स्थानीय लोगों से बात करने के बाद, उन्होंने दूध बेचना शुरू किया और 2014 में अपना फूड ब्रांड, धन्य धेनु लॉन्च करके अपने व्यवसाय का विस्तार किया.
हरिओम ने 10-12 गायों के साथ दूध का व्यवसाय शुरू किया. प्रारंभ में, उन्हें दूध बेचने के लिए संघर्ष करना पड़ा. लेकिन फिर उन्होंने ऑर्गनिक और सस्टेनेबल तरीकों का पालन करते हुए डेयरी उत्पादों, मुर्गीपालन, अचार उत्पादन और आइसक्रीम निर्माण आदि करना शुरू किया.
गांव में प्रचुर मात्रा में सब्जियों और फलों का फायदा उठाते हुए, धन्य धेनु ब्रांड, स्थानीय महिला स्वयं सहायता समूहों की मदद से 23 प्रकार के अचार का उत्पादन करती है.
धन्य धेनु ब्रांड के तहत 33 प्रकार की आइसक्रीम बनाई जाती है, जो ऑर्गनिक इंग्रेडिएंट से बनाई जाती हैं. कोविड-19 महामारी के दौरान चुनौतियों के बावजूद, आइसक्रीम क्षेत्र उनके व्यवसाय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है.
धन्य धेनु के उत्पाद अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट जैसे प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के साथ साझेदारी के माध्यम से भी बेचे जाते हैं, जिससे वे पूरे भारत और यहां तक कि विदेशों में भी ग्राहकों तक पहुंच सकते हैं.
यह ब्रांड अब सालाना दो करोड़ रुपए कमा रहा है और लगातार आगे बढ़ रहा है.