फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की चुनिंदा शायरियां
By: Nisha
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ एक पाकिस्तानी कवि और उर्दू और पंजाबी साहित्य के लेखक थे.
फ़ैज़ अपने समय के सबसे प्रसिद्ध, लोकप्रिय और प्रभावशाली उर्दू लेखकों में से एक थे.
ब्रिटिश शासन के दौरान पंजाब के सियालकोट जिले में जन्मे फैज़ ने ब्रिटिश भारतीय सेना में सेवा दी.
भारत के बंटवारे के बाद फ़ैज़ ने समाचार पत्रों में काम किया और उनकी बेबाक आवाज के लिए उन्हें जेल में डाल दिया गया.
फ़ैज़ को उनके कामों के लिए 1962 में साहित्य में नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकन के साथ सोवियत संघ से लेनिन शांति पुरस्कार मिला.
और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा
राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा
-फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है
लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है
-फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
कर रहा था ग़म-ए-जहाँ का हिसाब
आज तुम याद बे-हिसाब आए
-फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
और क्या देखने को बाक़ी है
आप से दिल लगा के देख लिया
-फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले
चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले
-फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
-फ़ैज़ अहमद फ़ैज़