देश की शान इन ऐतिहासिक घंटाघरों के बारे में जानिए 

(Photo Credit: Pixabay, India Today Archive and Getty Images)

पहले के समय में टाइम और तारीख जानने के लिए शहर या बाजार के बीचों-बीच ऊंचे और विशाल घंटाघर यानी क्लॉक टावर बनाए जाते थे.

हमारे देश में अधिकतर घंटाघर अंग्रेजों ने बनाए हैं. आज ये क्लॉक टावर शहर या बाजार के लैंडमार्क का काम करते हैं. आइए देश के कुछ मशहूर घंटाघरों के बारे में जानते हैं.

मुंबई यूनिवर्सिटी कैंपस में बना राजाबाई घंटाघर बेहद खूबसूरत है. यह 280 फीट ऊंचा है. इस घंटाघर को ब्रिटिश काल में बनाया गया था.

लखनऊ के फाजिल्का घंटाघर को राम नारायण परिवल घंटाघर भी कहा जाता है. इसे प्रसिद्ध फिलांथ्रोपिस्ट फाजिल्का की याद में बनाया गया था. अब यह शहर का लैंडमार्क है.

लखनऊ का हुसैनाबाद घंटाघर भारत का सबसे ऊंचा घंटाघर है. इसे 1881 में बनाया गया था. इसकी लंबाई 67 मीटर है .

तमिलनाडु का चेन्नई सेंट्रल घंटाघर बेहद खूबसूरत है. यह रेलवे स्टेशन की खूबसूरती में चार चांद लगा देता है. 

हैदराबाद स्थित सिकंदराबाद घंटाघर को निजाम सिकंदर जाह ने ब्रिटिश अधिकारियों के सम्मान में बनवाया था.

जोधपुर स्थित घंटाघर सेंडस्टोन से बना है, जो वहां के मशहूर मेहरानगढ़ फोर्ट के रंग से मेल खाता है. यह राजपूत कलाकृति को दर्शाता है.

देहरादून स्थित घंटाघर शहर की पहचान होने के साथ ही वहां की धड़कन भी है. शहर के बीच में मौजूद इस घंटाघर के शीर्ष पर छह घड़ियां लगी हुई हैं, जो इसे खास हो बनाती हैं.