इन रचनाओं ने हरिवंश राय बच्चन को बनाया अमर

हरिवंश राय बच्चन हिंदी साहित्य जगत के लोकप्रिय कवि रहे हैं. चलिए उनकी 9 बेहतरीन रचनाओं के बारे में बताते हैं.

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लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

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मुसलमान और हिंदू हैं दो, एक मगर उनका प्याला.. एक मगर उनका मदिरालय, एक मगर उनकी हाला.. दोनों रहते एक न जब तक मस्जिद मंदिर में जाते, बैर बढ़ाते मस्जिद मंदिर, मेल कराती मधुशाला

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मुझसे मिलने को कौन विकल? मैं होऊं किसके हित चंचल? यह प्रश्न शिथिल करता पद को, भरता उर में विह्वलता है! दिल जल्दी जल्दी ढलता है!

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तू न थकेगा कभी, तून न रुकेगा कभी, तू न मुड़ेगा कभी... कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ, अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ.

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स्वप्न ही मुग्ध मत हो, सत्य का भी ज्ञान कर ले... पूर्व चलने के बटोही, बाट की पहचान कर ले.

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एक प्रबल धारा में हमको लघु तिनके-सा बहना होगा... साथी, सब कुछ सहना होगा

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जो छूट गए फिर कहां मिले, पर बोलो टूटे तारों पर.. कब अंबर शोक मनाता है, जो बीत गई सो बात गई

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अर्द्ध रात्रि में सहसा उठकर, पलक संपुटों में मदिरा भर, तुमने क्यों मेरे चरणों में अपना तन-मन वार दिया था? क्षण भर को क्यों प्यार किया था?

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उसके नयनों का जल खारा, है गंगा की निर्मल धारा... पावर कर देगी तन-मन को क्षण भर साथ बहो, दुखी मन से कुछ भी न कहो!

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