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हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह भाद्रपद माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर हरतालिका तीज का पर्व मनाया जाता है.
इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव और गौरी मां की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस तिथि पर भगवान भोलेनाथ ने माता पार्वती को पत्नी रूप में स्वीकारा था.
ऐसा कहा जाता है कि हरतालिका तीज के दिन व्रत रखने से वैवाहिक जीवन सुखमय बना रहता है.
अगर सुहागिन महिलाएं पहली बार हरतालिका तीज का व्रत रखने जा रही हैं, तो किन नियमों का पालन करने से लाभ हो सकता है.
इस व्रत के दौरान इस बात का खास ध्यान रखें कि भूलकर भी अन्न और जल का सेवन न करें.
इस दिन भगवान शिव की पूजा एकाग्र और ध्यान लगाकर करने से लाभ हो सकता है.
हरतालिका तीज के दिन सोलह श्रृंगार करने का विशेष महत्व है.
हरतालिका तीज का व्रत बीच में न छोड़े. इस व्रत को विधिवत रूप से करने से लाभ होता है.