सफलता के दरवाजे खोल देंगे गीता के ये 5 उपदेश 

आज के जमाने में श्रीमद्भागवत गीता हम सबके लिए वह सहारा है जो आपको अंधेरे में रोशनी दे रही है.

श्रीमद्भागवत गीता में भगवान कृष्ण के उन उपदेशों का वर्णन है, जो उन्होंने महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन को दिया था. 

गीता के ज्ञान से ही अर्जुन को अपनों से युद्ध लड़ने की प्रेरणा मिली और उन्होंने युद्ध जीतकर धर्म की स्थापना की.

गीता में दिए उपदेश आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने की महाभारत काल में थे. 

गीता में श्रीकृष्ण कहते हैं कि किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए मन पर नियंत्रण रखना बहुत जरूरी है. काम करते वक्त अपने मन को हमेशा शांत और स्थिर रखना चाहिए. क्रोध को काबू में करना सीखें. 

श्रीमद्भागवत गीता के अनुसार हमें कोई भी कर्म बिना फल की इच्छा के ही करना चाहिए. अगर किसी कार्य में सफलता हासिल करना चाहते हैं तो सिर्फ और सिर्फ अपने कर्मों पर ही केंद्रित करें. 

गीता के अनुसार इंसान को कभी भी अपने कर्मों पर संदेह नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति खुद का सर्वनाश कर बैठता है.

श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है कि इंसान को किसी भी वस्तु या इंसान से अत्यधिक मोह नहीं रखना चाहिए. यह लगाव ही मनुष्य के दुख और असफलता का कारण बनता है.

श्री कृष्ण का उपदेश है कि किसी भी कार्य में सफलता हासिल करने के लिए अपने भीतर छिपे डर को खत्म करना चाहिए.