चैत्र नवरात्रि में फॉलो करें ये वास्तु टिप्स, घर से कभी नहीं जाएंगी खुशियां

4 नवरात्रों में से एक चैत्र नवरात्रि का बड़ा महत्व है. 9 दिन चलने वाले इस पर्व की अलग-अलग मान्यताएं बताई गई हैं.

इन सभी मान्यताओं के साथ-साथ इस पर्व पर देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है.

अगर आप इस पर्व पर घर में कलश स्थापना करती हैं या फिर देवी जी की मूर्ति स्थापित करती हैं तो आपको वास्‍तु के हिसाब से कुछ बातों का ध्‍यान जरूर रखना चाहिए.

कलश स्‍थापना हमेंशा ईशान कोण पर ही की जानी चाहिए. इस दिशा में सभी ईश्वर का निवास होता है.

यदि आप इस वास्तु नियम का पालन करती हैं तो घर में सभी आरोग्य होते हैं और लक्ष्‍मी जी की कृपा भी बरसती है. 

शास्त्रों में अखंड दीपक का महत्व बताया गया है. यह आर्थिक समृद्धि, सफलता और सकारात्मकता का प्रतीक होता है.

यदि घर में आप चैत्र नवरात्रि के वक्‍त अखंड दीपक जलाती हैं, तो इस दीपक का प्रकाश आपके घर में सकारात्मकता भर देता है.

नवरात्रि के पर्व में आपको देवी जी पर पीले, लाल और गुलाबी रंग के फूल अर्पित करने चाहिए. वास्तु के हिसाब से यह रंग बहुत ही सकारात्मक प्रभाव डालते हैं और देवी जी को प्रसन्न भी करते हैं.

वास्तु के हिसाब से आपको नवरात्रि भर अपने घर के मुख्य द्वार पर एक पानी के पात्र में खिला हुआ कमल का फूल रखना चाहिए.

कमल के फूल में देवी लक्ष्‍मी का वास होता है और जब आप घर में किसी देवी देवता को आमंत्रित करते हैं, तो उनकी पसंद की चीजें करने से आकर्षित होते हैं.

वास्तु के हिसाब से घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाने को बहुत ही शुभ माना गया है. रंगोली साफ-सफाई और सुंदरता का प्रतीक होती है.

नवरात्रि के पर्व पर यदि आप घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बना रही हैं, तो इससे मां लक्ष्‍मी आप से प्रसन्न होती हैं.

अगर आपकी श्रद्धा हो तो आप नवरात्रि के पूरे 9 दिन घर में कन्या भोज कर सकती हैं या फिर आप नवरात्रि के आखिरी 3 दिनों में कन्या भोज करके देवी दुर्गा को प्रसन्न कर सकती हैं.

आपको बता दें कन्या को दान करना और पसंद का भोजन कराने से आपके घर में कभी भी अन्न-धन की कमी नहीं होती है.