जानें कोणार्क चक्र की अहमियत

दिल्‍ली में G20 शिखर सम्‍मेलन का आगाज हो गया है. पीएम मोदी ने प्रगति मैदान के भारत मंडपम में सभी G20 नेताओं और प्रतिनिधियों का स्वागत किया.

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पीएम मोदी ने भारत मंडपम में जिस स्‍थान पर नेताओं का हाथ मिलाकर स्‍वागत किया, वहां पीछे एक बड़ा-सा चक्र बना हुआ था.

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ये बेहद खास चक्र है, जिसका नाम 'कोणार्क चक्र' है.

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ओडिशा के कोणार्क चक्र को 13वीं शताब्दी के दौरान राजा नरसिम्हादेव-प्रथम के शासनकाल में बनाया गया था.

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24 तीलियों वाले इस चक्र को भारत के राष्ट्रीय झंडे में भी इस्तेमाल किया गया है.

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विश्लेषकों के मुताबिक, यह चक्र भारत के प्राचीन ज्ञान, उन्नत सभ्यता और स्थापत्य उत्कृष्टता को दर्शाता है.

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समय हमेशा एक सा नहीं रहता, ये बदला रहता है. कोणार्क चक्र इस समय का ही प्रतीक है, जो कालचक्र के साथ-साथ प्रगति और परिवर्तन को दर्शाता है.

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