गणेश चतुर्थी पर क्या करें और क्या नहीं
गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाई जाती है.
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के रूप में जाना जाता है, जो सभी बाधाओं को दूर करते हैं और अपने भक्तों पर आशीर्वाद बरसाते हैं.
आज हम आपको बता रहे हैं कि गणेश पूजा करते समय आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए.
रीति-रिवाज के मुताबिक भक्त गणपति को डेढ़ दिन, 3 दिन, 7 दिन या 10 दिन के लिए घर ला सकते हैं.
आपको बता दें कि भगवान गणपति को अतिथि माना जाता है, इसलिए भोजन, पानी या प्रसाद से लेकर परिवार में किसी से भी पहले उन्हें सब कुछ अर्पित किया जाना चाहिए.
भगवान के लिए सात्विक भोजन बनाएं, पहले मूर्ति को भोग लगाएं और फिर खुद ग्रहण करें.
आपकी गणेश मूर्ति मिट्टी से बनी हो और किसी कृत्रिम धातु रंग का उपयोग न किया गया हो.
अगर आपके घर के आसपास कोई जलाशय नहीं है तो गणेश जी की मूर्ति को किसी ड्रम या बाल्टी में रखकर अपने घर में ही विसर्जित करें. विसर्जन से पहले उनकी आरती करें और प्रसाद अवश्य चढ़ाएं.
गणपति स्थापना में देरी न करें और पूजा के लिए मुहूर्त का पालन करते रहें.
गणपति स्थापना के बाद भक्तों और उनके परिवार के सदस्यों को लहसुन और प्याज से परहेज करना चाहिए.
गणेश पूजा के समय पर घर में किसी भी प्रकार का झगड़ा या क्लेश नहीं होना चाहिए.