महाराष्ट्र के मुंबई में स्थित सिद्धि विनायक मंदिर दुनियाभर में प्रसिद्ध है. इस मंदिर का निर्माण 19 नवंबर 1801 को पूर्ण हुआ था. इस मंदिर को गणेश जी के विशेष मंदिर का दर्जा मिला हुआ है.
अष्टविनायक मंदिर भी महाराष्ट्र में स्थित है. गणपति उपासना के लिए अष्टविनायक मंदिरों का विशेष महत्व माना जाता है. यह मंदिर पुणे में स्थित है. यहां विराजित प्रतिमाएं स्वयंभू मानी जाती हैं.
खजराना गणेश मंदिर मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में स्थित है. यह स्वयंभू मंदिर है. देश विदेश से भक्त इस मंदिर में मुराद मांगने आते हैं.
चिंतामण गणेश मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेशवर की नगरी उज्जैन में स्थित है. यहां गर्भगृह में प्रवेश करते ही गणपति जी की तीन प्रतिमाएं नजर आती हैं, पहली चिंतामण, दूसरी इच्छामन और तीसरी सिद्धिविनायक गणेश.
रणथंबौर गणेश मंदिर राजस्थान में स्थित है. यहां बड़ी संख्या में भक्त भगवान गणेश के त्रिनेत्र स्वरुप के दर्शन करने पहुंचते हैं. यह मंदिर लगभग 1000 साल पुराना माना जाता है.
डोडा गणपति मंदिर कर्नाटक के बेंगलुरु में स्थित है. बेंगलुरु आईटी सिटी होने के साथ ही डोडा गणपति मंदिर की वजह से भी देशभर में पहचान रखता है.
गणेश टोक मंदिर सिक्किम के गंगटोक में स्थित है. बौद्ध धर्म के इस स्थान पर यह गणेश मंदिर अपनी खूबसूरती और बेहतरीन स्थल की वजह से प्रसिद्ध है.
डोडीताल का मंदिर उत्तराखंड में स्थित है. डोडीताल को भगवान गणेश का जन्म स्थान माना जाता है. यहां पर माता अन्नपूर्णा का भी प्राचीन मंदिर है. गणेश जी को स्थानीय भाषा में डोडी राजा कहा जाता है.
मधुर महागणपति मंदिर को भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक माना जाता है. यह केरल मधुवाहिनी नदी के तट पर स्थित है. यहां स्थापित भगवान गणेश की मूर्ति न ही मिट्टी की बनी है और न ही पत्थर की.
मनकुला विनायगर मंदिर पुडुचेरी में स्थित है. इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि भगवान की प्रतिमा को कई बार समुद्र में फेंका गया था, लेकिन हर बार प्रतिमा उसी स्थान पर प्रकट हो जाती थी.