Photo Credits: Pixabay
हमारे शरीर में नौ ग्रह स्थित हैं. उन ग्रहों के भी रंग तरंग और प्रभाव हैं. जब इन शरीर के ग्रहों में कमजोरी आती है तब बीमारी होने लगती है.
रत्न धारण करके हम उन ग्रहों की तरंगों को ठीक कर सकते हैं और बीमारियों से बच सकते हैं. चलिए जानते हैं उन रत्नों के बारे में.
माणिक्य रत्न ह्रदय रोग और हड्डियों की बीमारी में खूब लाभदायक होता है. इसे स्वर्ण अथवा तांबे में धारण करना चाहिए.
मोती धारण करने से शीत रोग , एनीमिया और रक्तचाप में लाभ मिलता है.
मूंगा कमजोरी आत्मविश्वास और ज्वर के मामले में लाभदायक होता है. इसे तांबे में धारण करना चाहिए.
पन्ना बुध का रत्न है. मध्यम गति से प्रभाव देता है. मानसिक रोग , त्वचा की समस्या और वाणी की समस्या में इसे धारण करना चाहिए.
हीरा शुक्र का रत्न है. यह तीव्र गति से प्रभाव देता है. नपुंसकता , दुर्बलता , मधुमेह और आंखों के लिए लाभकारी होता है. इसे चांदी या प्लेटिनम में धारण करें.
नीलम शनि का रत्न है. यह सबसे तेज गति से प्रभाव देता है. स्नायु तंत्र , दुर्घटना ,पक्षाघात तथा असाध्य बीमारियों में लाभकारी होता है. बिना पूर्ण जानकारी के नीलम न पहनें.
गोमेद तथा लहसुनिया राहु और केतु के रत्न हैं. सोच समझकर ही धारण करें, अन्यथा बीमारियां बढ़ सकती हैं.