संघर्ष से भरा रहा है गूगल के CEO सुंदर पिचाई का जीवन 

गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई लाखों करोड़ों युवाओं के लिए आज प्रेरणास्त्रोत बन चुके हैं. सुंदर पिचाई फिलहाल Google और इसकी मूल कंपनी अल्फाबेट इंक के CEO हैं.

चेन्नई में 10 जून 1972 में जन्मे सुंदर पिचाई का मूल नाम पिचाई सुंदराजन  है, लेकिन उन्हें सुंदर पिचाई के नाम से जाना जाता है.

सुंदर पिचाई ने अपनी बैचलर डिग्री आईआईटी, खड़गपुर से ली है. उन्होंने अपने बैच में सिल्वर मेडल हासिल किया था.

अमेरिका में सुंदर ने एमएस की पढ़ाई स्टैनडफोर्ड यूनिवर्सिटी से की और वॉर्टन यूनिवर्सिटी से एमबीए किया. पिचाई को पेन्सिलवानिया यूनिवर्सिटी में साइबेल स्कॉलर के नाम से जाना जाता था.

सुंदर पिचाई ने 2004 में गूगल ज्वाइन किया था. उस समय वे प्रोडक्ट और  इनोवेशन ऑफिसर थे. सुंदर सीनियर वाइस प्रेसीडेंट (एंड्रॉइड, क्रोम और ऐप्स डिविजन) रह चुके हैं.

पिछले साल अक्टूबर में उन्हें गूगल का सीनियर वीपी (प्रोडक्ट चीफ) बनाया गया था. एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम के डेवलपमेंट और 2008 में लांच हुए गूगल क्रोम में उनकी बड़ी भूमिका रही है.

आर्थिक तंगी में सुंदर पिचाई 1995 में स्टैनफोर्ड में बतौर पेइंग गेस्ट रहते थे. पैसे बचाने के लिए उन्होंने पुरानी चीजें इस्तेमाल कीं, लेकिन पढ़ाई से समझौता नहीं किया.

वे पीएचडी करना चाहते थे लेकिन परिस्थितियां ऐसी बनीं कि उन्हें बतौर प्रोडक्ट मैनेजर अप्लायड मटीरियल्स इंक में नौकरी करनी पड़ी.

1 अप्रैल 2004 को वे गूगल में आए. सुंदर का पहला प्रोजेक्ट प्रोडक्ट मैनेजमेंट और इनोवेशन शाखा में गूगल के सर्च टूलबार को बेहतर बनाकर दूसरे ब्रॉउजर के ट्रैफिक को गूगल पर लाना था.

इसी दौरान उन्होंने सुझाव दिया कि गूगल को अपना ब्राउजर लांच करना चाहिए. इसी एक आइडिया से वे गूगल के संस्थापक लैरी पेज की नजरों में आ गए.

2008 से लेकर 2013 के दौरान सुंदर पिचाई के नेतृत्व में क्रोम ऑपरेटिंग सिस्टम की सफल लांचिंग हुई और उसके बाद एंड्रॉइड मार्केट प्लेस से उनका नाम दुनियाभर में हो गया.

सुंदर ने ही गूगल ड्राइव, जीमेल ऐप और गूगल वीडियो कोडेक बनाए हैं. सुंदर द्वारा बनाए गए क्रोम ओएस और एंड्रॉइड एप ने उन्हें गूगल के शीर्ष पर पहुंचा दिया.