पढ़ाई में कमजोर बच्चों में होती हैं ये आदते, ऐसे सुधारें

हम और आप बचपन से ही सुनते आ रहे हैं कि वो बच्चा पढ़ाई में तेज है, वो कमजोर है. लेकिन इसके पीछे का कारण क्या है ये आज हम आपको बताएंगे.

जो बच्चे मन लगाकर पढ़ते हैं और उनका फोकस बार-बार हटता नहीं है उनको जल्दी याद होता है. वो क्लास में भी अच्छा परफॉर्म करते हैं.

पढ़ाई में कमजोर बच्चे क्लास में पूरा ध्यान लगाकर नहीं सुनते हैं इसलिए वो पीछे रह जाते हैं.

कमजोर बच्चे अक्सर बिना प्लानिंग या नोट्स बनाए पढ़ते हैं जिससे उन्हें यही पता नहीं होता कि क्या पढ़ना है? कितना पढ़ना है? और सब कुछ पढ़ने के चक्कर में जरूरी चीजों को छोड़ देते हैं.

पढ़ाई में टालमटोल करना कमजोर बच्चों की प्रकृति हो सकती है. इसका कारण यह होता है कि जब तक उन्हें क्लास में पढ़ाया गया समझ नहीं आएगा तब तक उनका इंटरेस्ट नहीं जगेगा.

अगर बच्चा ट्यूशन की जिद कर रहा है मतलब उसे क्लास में पढ़ाया हुआ समझ नहीं आ रहा है. 

पढ़ाई अच्छे से न करने की वजह से वे परीक्षा से पहले रटने लग जाते हैं. इस तरह से पढ़ाई करने वाले बच्चों को नंबर भी कम मिलते हैं.

बहुत से छात्र अकेले पढ़ाई करना पसंद करते हैं. लेकिन कई बार अकेले पढ़ाई करना उबाऊ हो सकता है. इससे बच्चे हतोत्साहित हो सकते हैं.

इस बात को माता-पिता को समझने की जरूरत है कि आज के समय में इतना कॉम्पटीशन है कि क्लास में अच्छे नंबर लाने से लेकर टीचर के सवाल का जवाब देने तक सब में कॉम्पटीशन है. अगर आपका बच्चा ऐसा नहीं कर रहा तो उसमें कॉन्फिडेंस की कमी है.