जोधपुर की इन मशहूर जगहों पर गए हैं आप?

1200 एकड़ की जमीन पर फैला हुआ ये किला एक पहाड़ी की चोटी पर मौजूद है. इसे राजपूत राजा राव जोधा ने बनवाया था. इस पूरे किले को घूमने के लिए आपको घंटों का समय लग जाएगा.

मेहरानगढ़ किला

1200 एकड़ की जमीन पर फैला हुआ ये किला एक पहाड़ी की चोटी पर मौजूद है. इसे राजपूत राजा राव जोधा ने बनवाया था. इस पूरे किले को घूमने के लिए आपको घंटों का समय लग जाएगा.

उम्मेद भवन पैलेस संग्रहालय

जसवंत थडा अपनी जटिल वास्तुकला और नक्काशीदार खिड़कियां पर्यटकों और आगंतुकों के लिए एक विशेष आकर्षण हैं. संगमरमर की दीवारों के भीतर स्थित एक छोटी सी झील भी है.

जसवंत थडा

घंटाघर का निर्माण 19वीं शताब्दी में महाराजा सरदार सिंह ने करवाया था. घंटाघर पर्यटकों के लिए खुला है, और आप इसके टॉप क्वार्टर पर चढ़कर यहां से पूरे शहर का नजारा देख सकते हैं.

घंटा घर

इस गार्डन में आपको 6वीं शताब्दी की कुछ अच्छी तरह से संरक्षित संरचनाएं मिल जाएंगी. आपको इस जगह राजपूत साम्राज्य के इतिहास का पता लग जाएगा.

मंडोर गार्डन

जोधपुर में बालसमंद झील 12वीं शताब्दी में बनी एक आर्टिफिशियल झील है.पुरानी झील जोधपुर के लोगों के लिए एक जलाशय हुआ करती थी और अब एक हेरिटेज रिसॉर्ट का हिस्सा है. झील यहां से केवल 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

बालसमंद झील

रानीसर और पदमसर एक दूसरे के बगल में स्थित दो झीलें हैं. झील का निर्माण 500 साल पहले एक राजपूत रानी के आदेश पर किया गया था.उस जमाने में रेगिस्तानी इलाकों में पानी ढूँढ़ना बहुत मुश्किल था.

रानीसर और पदमसर झील

शहर की भीड़भाड़ से दूर ये झील सुकून के पल बीताने के लिए काफी अच्छी जगह है. माइग्रेंट बर्ड के बीच आप इस झील की सैर कर सकते हैं और झील के ठंडे पानी में पिकनिक मना सकते हैं.

कायलाना झील

उमैर हेरिटेज आर्ट स्कूल एक दिलचस्प जगह है जहाँ आप भारतीय कला के बारे में नई चीजें सीखने जा सकते हैं. स्कूल यात्रियों को लघु चित्रों को चित्रित करना सिखाता है.

उमैर हेरिटेज आर्ट स्कूल