क्यों माथे पर लगाया जाता है तिलक?

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तिलक माथे पर लगाना धार्मिकता और आस्था का प्रतीक माना जाता है, जो भगवान के प्रति सम्मान और समर्पण को दर्शाता है.

भारतीय परंपरा में टीका लगाने को सौभाग्य और शुभता का प्रतीक माना जाता है, जो व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति लाने का संकेत है.

माथे का मध्य भाग (आज्ञा चक्र) को शरीर का आध्यात्मिक केंद्र माना जाता है, टीका लगाना इस केंद्र को सक्रिय और संतुलित करने में सहायक होता है.

तिलक लगाने से ध्यान और एकाग्रता बढ़ती है, क्योंकि यह मन को शांत और स्थिर रखने में मदद करता है.

तिलक लगाना भारतीय संस्कृति और परंपराओं का हिस्सा है, जिससे व्यक्ति अपनी सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ा रहता है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माथे पर तिलक लगाने से नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नज़र से सुरक्षा मिलती है.

त्योहार, पूजा और अन्य धार्मिक अवसरों पर तिलक लगाना शुभ माना जाता है, जिससे भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

तिलक अलग-अलग रंगों में लगाया जाता है, जैसे लाल, पीला, चंदन, जो अलग-अलग धार्मिक और सांस्कृतिक अर्थ रखते हैं.