जिस दिन शराब नहीं बिकती उस दिन को ड्राई डे कहते हैं. सरकार हर 3 महीने में ड्राई डे की लिस्ट जारी करती है. इस दिन सभी ठेकों में शराब की बिक्री बंद होती है.
ड्राई डे का मतलब है कि उस दिन देशभर में शराब की बिक्री पर रोक होगी. भारत में गणतंत्र दिवस के अलावा साल में कुछ दिन शराब बिकने पर प्रतिबंध लगाया जाता है.
कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, ड्राई डे की शुरुआत महात्मा गांधी की जयंती पर हुई थी. शराब को लेकर गांधी जी का रुख एकदम साफ था, इसी का सम्मान करने और जागरूकता लाने के लिए ड्राई डे शुरू हुआ.
महात्मा गांधी ने कई बार मादक पेय पदार्थों और अवैध नशीले पदार्थों की बिक्री पर अपनी आपत्ति व्यक्त की थी. यंग इंडिया के एक एडीशन में इस बात का जिक्र मिलता है.
गांधी जी ने लिखा था, "शराब और नशीली दवाएं कई मामलों में मलेरिया और इसी तरह की बीमारियों की तुलना में बदतर है. ये ज्यादा नुकसान करती है. ये हमारे शरीर और आत्मा दोनों को नुकसान पहुंचाती है.”
भारत में कई अवसरों पर शराब पर प्रतिबंध रहती है. इसमें 2 अक्टूबर (गांधी जयंती), 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) और 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) सहित कई राष्ट्रीय अवकाश होते हैं जब ड्राई डे होता है.
इसके अलावा, भारत में चुनाव के समय अक्सर ड्राई डे मनाया जाता है. कुछ त्योहार भी हैं जब शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है.
भारत ने 2008 में जिनेवा में विश्व स्वास्थ्य सभा में वर्ल्ड नो अल्कोहल डे का सुझाव दिया था. इसमें भारत ने 2 अक्टूबर, महात्मा गांधी जयंती पर शराब निषेध दिवस मनाने का सुझाव दिया था.
11 दक्षिण पूर्व एशियाई देशों ने इस सुझाव का समर्थन किया था. जिसके बाद से 2 अक्टूबर को वर्ड नो अल्कोहल डे के रूप में जाना जाता है.
ड्राई डे उन कई तरीकों में से एक हैं जिनसे राज्य शराब की खपत को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा है.