कर्नाटक के वैभव का प्रतीक है यह इमारत
By- GNT Digital
बेंगलुरु शहर की विधान सौधा यहां आने वाले हर पर्यटक को महाराजाओं और सुल्तानों के युग की याद दिलाती है.
इस नायाब इमारत की कहानी मैसूर की पुरानी रियासत से जुड़ी हुई है लेकिन आधुनिक कर्नाटक में भी इसे मान्यता दी गई है.
विधान सौधा का निर्माण 1952 में शुरू हुआ था, इसकी अवधारणा एक साल पहले मैसूर के पहले मुख्यमंत्री केसी रेड्डी के कार्यकाल के दौरान हुई थी.
1951 में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इसकी आधारशिला रखी थी. लेकिन इसका निर्माण मैसूर राज्य के मुख्यमंत्री हनुमंथैया ने करवाया था.
विधान सौधा का निर्माण बड़े पैमाने पर "बैंगलोर ग्रेनाइट" से किया गया है, जो मल्लासंद्र और हेसरघट्टा के आसपास के क्षेत्रों से खुदाई में प्राप्त हुआ है.
इमारत में मगदी गुलाबी और तुरुवेकेरे काले पत्थरों का भी इस्तेमाल किया गया है.
लेजिस्लेटिव असेम्बली चैंबर 125 फीट x 132 फीट और 40. फीट ऊंचा है और केंद्रीय विंग की पहली मंजिल में स्थित है और इसमें 268 सदस्यों के बैठने की जगह है.
ये इमारत प्राचीन और आधुनिक वास्तुकला शैलियों का कुशल मिश्रण है. असेंबली हॉल के सामने बारह चालीस फुट के स्तंभ बनाए गए है. जो इसे और खूबसूरत बनाते हैं.