दिल्ली में आज यानी 5 फरवरी को मतदान हो रहे हैं. कई हिस्सों में मतदाता अपना मत डाल चुके हैं, कई और अभी अपने मत डालेंगे.
मतदान कर चुके वोटर्स की उंगली पर नीले रंग की स्याही भी जरूर लगी होगी.
उंगली पर लगी स्याही इस बात का सबूत होती है कि उस व्यक्ति ने अपना वोट कर दिया है.
इस स्याही से जुड़ा एक सवाल अक्सर लोगों के मन में आता है कि इस नीली स्याही को मिटाया क्यों नहीं जा सकता है.
इस इंक को बनाने के लिए सिल्वर नाइट्रेट केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. सिल्वर नाइट्रेट की खास बात यह है कि इसका निशान कई दिन तक नहीं जाता है.
सिल्वर नाइट्रेट केमिकल पानी के संपर्क में आने के बाद काले रंग का हो जाता है और मिटता नहीं है.
दुनिया के किसी भी केमिकल की मदद से इस स्याही को 72 घंटे से पहले हटाय नहीं जा सकता है.
वोट देने के बाद स्याही लगाने की शुरुआत 1962 के लोकसभा चुनाव में पहली बार हुई.