विवाह में 7 फेरे होते हैं  या 4... जानिए 

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आजकल बहुत से लोगों के मन में सवाल उठता है कि टीवी सीरियल या फिल्मों में शादी में 7 फेरे दिखाए जाते हैं जबकि असल जिंदगी में ज्यादातर जगहों पर सिर्फ 4 फेरे होते हैं. 

इस कारण लोगों के में संशय है कि आखिर ऐसा क्यों? आपकी इस दुविधा को आज हम दूर कर रहे हैं. 

वैदिक नियमों के अनुसार, विवाह के समय 4 फेरों का विधान है और 7 मुख्य वचनों की सप्तपदी होती है. 

ये फेरे चार पुरुषार्थों- धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के प्रतीक हैं. 

इनमें से पहले तीन फेरों में वधू आगे चलती है, जबकि चौथे फेरे में वर आगे होता है.

सप्तपदी के सात वचनों की बात करें तो पहला वचन भोजन व्यवस्था के लिए, दूसरा शक्ति संचय, आहार तथा संयम के लिए होता है.

तीसरा वचन धन की व्यवस्था हेतु, और चौथा आत्मिक सुख के लिए लिया जाता है. 

पांचवां वचन पशुधन संपदा हेतु और छठा सभी ऋतुओं में उचित रहन-सहन के लिए होता है. 

अंतिम 7वें पग में कन्या अपने पति का अनुगमन करते हुए सदैव साथ चलने का वचन लेती है.  

पति-पत्नी 4 फेरों और 7 वचनों के साथ सहर्ष जीवनपर्यंत प्रत्येक कार्य में एक-दूसरे का सहयोग देने की प्रतिज्ञा करते हैं. 

नोट: यह लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है. आधिक जानकारी के लिए आप किसी पंडित या शास्त्रों का ज्ञान रखने वाले से संपर्क कर सकते हैं.