रेलवे के चादर कब-कब धुलते हैं?

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ट्रेन भारत में लोगों के लिए किसी लाइफलाइन से कम नहीं है. लोग एक-जगह से दूसरी जगह आराम से पहुंच जाते हैं.

लंबी दूरी की यात्रा हो या पास वाली कोई जगह, लोग ट्रेन पर अधिक भरोसा करते है. ट्रेन से यात्रा करना ज्यादा आरामदायक माना जाता है.

भारत का रेल नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्क में से एक है. भारत में हर रोज सैकड़ों ट्रेनें चलती हैं. लाखों लोग सफर भी करते हैं.

भारत में एसी कोच में यात्रियों को कंबल, चद्दर, तकिया और बेडशीट दी जाती है. ये चीजें महीने में कितने बार धुलती हैं?

ट्रेन में चद्दर, बेडशीट और कंबल कितनी बार धुले जाते हैं? आइए इस बारे में जानते हैं.

1. भारत की ट्रेनों में आम तौर पर जनरल, स्लीपर और एसी के तीन अलग-अलग कोच होते हैं. कोच के हिसाब से लोग अपना टिकट कराते हैं.

2. जनरल और स्लीपर कोच में पैसेंजर्स को कोई खास सुविधा नहीं मिलती है. एसी में यात्रा करने वाले लोगों को ही बेडशीट, चद्दर और तकिया जैसी तमाम सुविधा दी जाती हैं.

3. रेलवे ने जगह-जगह पर लॉन्ड्री बनाई है ताकि इन सभी चीजों की समय-समय पर सफाई होती रही. लोगों को इस वजह से परेशानी न हो.

4. ट्रेन में इस्तेमाल होने वाले कंबल को महीने में एक बार धुला जाता है. पहले कंबल को दो महीने में एक बार धुला जाता था.

5. बेडशीट, कंबल और पिलो कवर को यात्री के इस्तेमाल के फौरन बाद धुलने के लिए रख दिया जाता है. चद्दर की क्वालिटी को देखकर धोने के लिए दिया जाता है.

नोट- यहां बताई गईं सभी बातें सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. Gnttv.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.