रूस-यूक्रेन युद्ध के 12 महीने में कितनी बदल गई दुनिया

By: Shashi Kant

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध में 18955 आम लोग हताहत हुए हैं. जिसमें से 7199 लोगों की मौत हुई है.

रूस के साथ युद्ध की वजह से यूक्रेन से 1.4 करोड़ लोगों का पलायन हुआ है.

इस युद्ध में रूस के 1.8 लाख सैनिक या तो मारे गए है या घायल हुए हैं. जबकि यूक्रेन के सैनिकों की संख्या एक लाख है.

इस युद्ध से एक साल में 138 बिलियन डॉलर के नुकसान का अनुमान लगाया गया है.

इसके चलते 27 देशों के यूरोपीय यूनियन में करीबी बढ़ी है. इन देशों ने रूस पर बैन लगाया है और यूक्रेन की मदद की हैं.

फिनलैंड और स्वीडन ने NATO की सदस्यता के लिए अभियान तेज कर दिया है. इसे रूस के खिलाफ सुरक्षा की गारंटी मान रहे हैं.

दुनिया में हथियारों की दौड़ शुरू हो गई है. रूस ने अपनी सेना को 10 लाख से बढ़ाकर 15 लाख करने का फैसला किया है.

यूक्रेन की मदद के लिए अमेरिका अपने हथियारों का उत्पादन बढ़ा रहा है. जबकि फ्रांस 2030 तक सैन्य खर्च को एक तिहाई बढ़ाने का फैसला किया है.

जर्मनी ने संघर्ष वाले इलाकों में हथियारों की सप्लाई नहीं करने के फैसले को वापस ले लिया है और यूक्रेन को मिसाइल और टैंक भेज रहा है.

इस युद्ध से यूरोप और अफ्रीका के ज्यादातर हिस्सों में खाद्यान संकट आ गया है. 1.3 करोड़ लोगों की खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ गई है.

इस युद्ध से फर्टिलाइजर की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. जिसका असर अफ्रीका और एशिया के ज्यादातर हिस्सों में कृषि पर पड़ा है.

ऊर्जा और तेल की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. कीमतों में इतनी बढ़ोतरी 1970 के दशक के बाद कभी नहीं हुई.