नागा साधु के शव को क्यों नहीं जलाते?

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संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है. बड़ी संख्या में लोग कुंभ में स्नान के लिए पहुंच रहे हैं.

महाकुंभ में आम लोगों के अलावा देश-दुनिया से साधु-संत भी आए हैं. कुंभ साधु-संतों का समागम भी माना जाता है.

महाकुंभ में नागा साधु सबसे बड़े आकर्षण बने हुए हैं. लोग नागा साधु की रहस्यमयी दुनिया को जानना चाहते हैं.

नागा साधु कठिन तपस्या करते हैं. नागा साधु बनना काफी मुश्किल भरा होता है. हर कोई नागा साधु नहीं बन पाता है.

नागा साधु का अंतिम संस्कार भी काफी अलग होता है. आइए इस बारे में जानते हैं.

1. नागा साधु के शव को जलाया नहीं जाया जाता है. नागा साधु या तो भू-समाधि लेते हैं या जल समाधि लेते हैं.

2. भू-समाधि में नागा साधु के शव को सजाया जाता है. इसके बाद नदी में स्नान कराया जाता है.

3. नागा साधु के शव को आसन में मुद्रा में लाया जाता है. इसके बाद जमीन में गहरा गड्ढा कर इसी मुद्रा में रखा जाता है. इस तरह से भू-समाधि होती है.

4. कुछ नागा साधु जल समाधि भी लेते हैं. ऐसा नागा साधु देहांत से पहले जल समाधि की इच्छा बताते हैं.

5. नागा साधु का अंतिम संस्कार किस तरह से किया जाएगा. ये अखाड़े पर भी निर्भर करता है. जल समाधि में नागा साधु के शव को नदी में जल समाधि दिलाई जाती है.

नोट- यहां बताई गई बातें सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. GNTTV.COM इसकी पुष्टि नहीं करता है.