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सर्दियों के आते ही सरसों का साग की महक हर घर से आने लगती है. हर दूसरे दिन बच्चे सरसों के साग की डिमांड करते हैं.
सलाद से लेकर खाने की सब्जियों तक में सरसों के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है. जितना यह खाने में स्वादिष्ट है उससे कहीं ज्यादा पौष्टिक आहार है.
सरसों को पौधा विटामिन और खनिजों से भरपूर होता है और इसे अपने खाने में जरूर शामिल करना चाहिए.
दिलचस्प बात यह है कि सरसों घर में उगाई जा सकती है. इस ना तो ज्यादा देखभाल की जरूरत है और ना ही ज्यादा जगह की. यह घर के किसी भी कोने में जहां अच्छी धूप आती हो वहां उग सकता है.
इसको उगाने के लिए केवल 3 चीजों की जरूरत हैं- सरसों के बीज, पॉटिंग मिक्स यानी अच्छी खाद और गमला.
सबसे पहले मिट्टी, रेत और खाद से अच्छा पॉटिंग मिक्स बनाकर गमले में भर लें.
गमले में बीज डालने के बाद ऊपर से हल्की-हल्की मिट्टी भी उसमें डाल दें. बीजों को ½-इंच गहराई पर बो दें.
सर्दियों के मौसम में सरसों अच्छे से उगती है. बीजों को अंकुरित होने में 7-10 दिन का समय लगता है.
पौधों को आप नियमित तौर पर पानी देते रहें और मिट्टी में नमी बनाए रखें. महीने भर बाद आप पौधों को खाद भी दे सकते हैं.
पौधों को कीड़ों से बचाने के लिए आप नीम के तेल का स्प्रे कर सकते हैं या कपड़ा रखकर उन्हें कवर भी कर सकते है.
डेढ़ दो महीने में सरसों के पौधे इतने बड़े हो जाएंगे कि आप साग के लिए काट सकते हैं और इससे आपको सर्दियों में अच्छी सप्लाई मिलती रहेगी.