होली के लिए असली और नकली रंगों की ऐसे करें पहचान

(Photos Credit: Unsplash/Pexels/Piabay)

इस साल रंगों का त्योहार होली 14 मार्च को है. इस पर्व को लेकर अभी से बाजार में रंगों की बिक्री शुरू हो गई है. आइए जानते हैं आप असली और नकली रंग की पहचान कैसे कर सकते हैं.

होली खेलने के लिए केमिकल युक्त रंगों की जगह हर्बल और ऑर्गेनिक रंग ही खरीदें क्योंकि ये नुकसानदायक नहीं होते हैं. 

हर्बल और ऑर्गेनिक रंग त्वचा और बालों के लिए सुरक्षित होते हैं क्योंकि इस तरह के रंग फूल, हल्दी, चंदन, मेहंदी और अन्य प्राकृतिक सामग्रियों से बनाए जाते हैं.

हर्बल और ऑर्गेनिक रंग खरीदते समय हमेशा ध्यान दें कि ऐसे रंगों की पैकेजिंग पर ऑर्गेनिक, स्किन फ्रेंडली या नेचुरल लिखा हो.

बाजार में बिकने वाले नकली रंग अधिक चमकदार होते हैं. इन गहरे रंगों को बनाने में अक्सर कांच का पाउडर, मरकरी सल्फाइड और डाई मिलाए जाते हैं, जो त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

यदि रंग को छूने पर वह बहुत ज्यादा चिकना या रूखा लगता है तो आप समझ जाइए कि उसमें सिंथेटिक केमिकल हो सकते हैं. ऐसा रंग नहीं खरीदें.

हानिकारक रंगों में केरोसिन या किसी अन्य केमिकल की तेज गंध आती है, जबकि प्राकृतिक रंगों में कोई तेज महक नहीं होती.

असली और नकली रंग की पहचान के लिए एक कटोरी पानी में रंग मिलाएं. यदि रंग तुरंत घुलकर पानी को पूरी तरह रंगीन कर देता है तो वह सिंथेटिक हो सकता है. हर्बल रंग धीरे-धीरे घुलते हैं. 

स्थानीय बाजारों से सस्ते और खुले रंग खरीदने के बजाय अच्छे ब्रांड के रंग खरीदें जो ISI या ISO सर्टिफाइड हों. पैकिंग पर निर्माण की तारीख और सामग्री की जानकारी जरूर पढ़ें.