असली और नकली हीरे की कैसे करें पहचान

हीरा एक अनमोल रत्न है. लेकिन ये असली है या नकली. इसकी पहचान करना बहुत ही मुश्किल काम है.

जमीन की गहराई से निकलने वाले हीरे रासायनिक तौर पर शुद्ध होते हैं. ये पारदर्शी होते हैं.

प्राकृतिक हीरा और लैब में बनाए गए हीरे में फर्क करना बहुत ही मुश्किल होता है. एक खास उपकरण से ही इसकी पहचान की जा सकती है.

असली हीरे की अंदर से बनावट ऊबड़-खाबड़ होती है. जबकि कृत्रिम हीरा अंदर से सामान्य दिखता है.

असली हीरे में कुछ न कुछ खांचे होते हैं, जो 1200 गुना ताकतवर माइक्रो स्कोप की मदद से देखे जा सकते हैं.

हीरे को अखबार पर रखकर उसके पार के अक्षरों को पढ़ने की कोशिश करें. अगर लकीरें टेढ़ी दिखेंगी तो समझ लीजिए कि आपके पास नकली हीरा है.

हीरे को पराबैंगनी किरणों में देखने पर अगर हीरा नीली आभा के साथ चमकता है तो असली है. अगर हीरे से पीली हरी किरण निकलती है तो वो नकली है.

असली हीरा पानी में डालने पर डूब जाता है, जबकि नकली हीरा पानी के ऊपर तैरने लगता है.

भारत में मध्य प्रदेश के पन्ना और बुंदर, आंध्र प्रदेश के गोलकोंडा में हीरे की खदानें हैं. गोलकोंडा से कोहिनूर का हीरा मिला था.