(Photo Credit: social media)
हर कोई चाहता है कि उनके घर में पॉजिटिविटी बनी रहे. इसके लिए लोग बहुत से नियम फॉलो करते हैं.
लेकिन अगर कोई लगातार आपके घर में नकारात्मकता फैला रहा हो तो सकारात्मकता बनाए रखना आसान नहीं होता है.
अगर कोई ऐसा करें तो परिस्थिति से भागने की बजाय शांति और धैर्य से इसका सामना करें.
भगवद् गीता सिखाती है कि दुनिया से भागना नहीं, बल्कि इससे अछूते रहना. यानी जब को बाहर नकारात्मकता फैलाए तो आप अपने अंतर्मन को पॉजिटिव रखें.
आपकी ऊर्जा आपकी ज़िम्मेदारी है. कोई और आपके लिए इसकी सुरक्षा नहीं करेगा. आप अपने मन को सकारात्मकता से भर लें कि बाहर कि नकारात्मक ऊर्जा इसे छू न पाए.
मौन हार नहीं है. यह आध्यात्मिक शक्ति है. आपको किसी से बहस करने की ज़रूरत नहीं है, कोई सफाई न दें. बस शांति में रहकर अपना काम करते रहें.
अपने घर को ऐसे साफ करें जैसे कि यह प्रार्थना हो, कोई काम नहीं. घर की साफ-सफाई करने से आपका मन हल्का होता और मन पर चढ़ी धूल हटती है.
अच्छा करते रहे. जब अच्छाई करना व्यर्थ लगे, खासकर तब अच्छा करो. आपको अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए, फल की इच्छा नहीं.
लोगों को बदलने की कोशिश न करें. बल्कि उनको खुद पर हावी न होने दें. उनकी नाखुशी को अपने दिल में न रहने दें.