उड़ीसा के बालासोर में शुक्रवार को भीषण ट्रेन हादसा हुआ, जिसमें सैकड़ों लोगों के मौत की पुष्टि हुई है.
कोरोमंडल एक्सप्रेस दूसरी ट्रेन से टकराने के बाद दुर्घटनागस्त हो गई, इस हादसे में हजारों लोग घायल भी हुए हैं.
दुर्घटना के बाद सवाल उठने लगा है कि इस रूट पर रेलवे का 'कवच प्रोटेक्शन सिस्टम' होता, तो शायद हादसे को रोका जा सकता था.
हम आपको बताते है कि रेलवे का 'कवच प्रोटेक्शन सिस्टम' कैसे काम करता है.
'कवच' एक ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम है, जिसे भारतीय रेलवे ने रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन के जरिए विकसित किया गया है.
कवच प्रोटेक्शन सिस्टम दो ट्रेनों को आपस में भिड़ने से रोकने में मददगार साबित होता है.
'कवच प्रोटेक्शन सिस्टम' ट्रेन को लगातार मॉनिटर करता है. सिग्नल जंप होने के बाद ट्रेन ओटोमेटिक रुक जाती है.
यदि लोको पायलट स्पीड को कंट्रोल करना या ब्रेक लगाना भूल जाता है, तो यह सिस्टम ओटो ब्रेकिंग सिस्टम को एक्टिव कर देता है.
मार्च 2022 में इस कवच टेक्नोलॉजी का सफल परीक्षण किया गया था. उस ट्रेन में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी सवार थे.