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वन नेशन, वन इलेक्शन यानी एक देश-एक चुनाव वाला बिल लोकसभा में पास हो गया है.
इस बिल का उद्देश्य देश भर में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराना है.
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल लागू होने के बाद यदि किसी राज्य में सरकार गिर जाए तो नया इलेक्शन बिल कैसे काम करेगा? आइए इस पर नजर डालते हैं
वन नेशन वन इलेक्शन बिल के मुताबिक, किसी कारण से सरकार गिरती है तो मध्यावधि चुनाव कराए जाते हैं.
इस मध्यावधि चुनाव से चुनी गई सरकार पांच साल के लिए नहीं होगी. बचे हुए समय तक ही नई सरकार का कार्यकाल रहेगा.
इस तरह से पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने का सिस्टम बना रहेगा. वन नेशन, वन इलेक्शन बिल में यही है.
इस बिल में चुनाव आयोग को ये भी निर्देश दिया गया है कि चुनाव कराने से पहले सभी जरूरतों को पहले ही पूरा किया जाना चाहिए.
पूरे देश में इलेक्शन कराने से पहले चुनाव आयोग को ईवीएम और वीवीपैट का इंतजाम भी पहले से ही करना होगा.
समय से सरकार गिरने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो जाता है. इसके बाद मध्यावधि चुनाव होगा और बचे हुए समय नई सरकार राज्य चलाएगी.