Image Credit: PTI
नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा को समर्पित है. लेकिन क्या आपको पता है कि मां दुर्गा की प्रतिमा का निर्माण वेश्यालय की मिट्टी भीख में मांगकर किया जाता है. चलिए इसके पीछे की कहानी बताते हैं.
Image Credit: PTI
ऐसा माना जाता है कि बिना वेश्यालय की मिट्टी के मां दुर्गा की प्रतिमा का निर्माण अधूरा माना जाता है.
Image Credit: PTI
पौराणिक कथा के मुताबिक एक वेश्या मां दुर्गा की बड़ी भक्त थी. लेकिन समाज में उसका तिरस्कार होता था.
Image Credit: PTI
मां दुर्गा ने उस वेश्या को वरदान दिया कि जब तक उनकी प्रतिमा में वेश्यालय की मिट्टी नहीं डाली जाएगी, तब तक देवी उस प्रतिमा में वास नहीं करेंगी.
Image Credit: PTI
इसके अलावा कहा जाता है कि जब कोई पुरुष वेश्यालय में जाता है तो वो अपने पुण्य और गुण चौखट पर ही छोड़ देता है. इसलिए यहां की मिट्टी को पवित्र माना जाता है.
Image Credit: PTI
मान्यता है कि समाज में वेश्याओं की महत्ता बढ़ाने और उन्हें पवित्र माना जाए, इसके लिए प्रतिमा में वेश्याओं के आंगन की मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है.
Image Credit: PTI
कहा जाता है कि कोई भी इस मिट्टी को खरीद नहीं सकता है, प्रतिमा बनाने वाले मूर्तिकार वेश्यालय जाकर वेश्याओं से भीख में मांग कर उनके आंगन की मिट्टी लाते हैं.
Image Credit: PTI
अगर वेश्या मिट्टी देने से इनकार कर देती है तो मूर्तिकार जबरदस्ती नहीं कर सकता है. स्वेच्छा से मिट्टी देने पर ही प्रतिमा का निर्माण पूरा माना जाता है.
Image Credit: PTI
वेश्याओं के आंगन की मिट्टी के अलावा मां दुर्गा की प्रतिमा में गंगा की मिट्टी, गोमूत्र, गोबर का होना अनिवार्य माना जाता है.
Image Credit: PTI