बिहार के कैमूर के पर्वतों पर करीब 600 फीट की ऊंचाईं पर स्थित है मुंडेश्वरी देवी का मंदिर.
पूरे भारत में इस मंदिर की मान्यता है. लोगों का मानना है कि यहां जो मांग लिया वो पूरा ही होता है.
यही वजह है कि लोग यहां मन्नत के लिए जानवरों की बली भी देते हैं. लेकिन सबसे बड़ी बात तो ये है कि इस बलि में किसी जीव की हत्या नहीं होती.
इस मंदिरो को लेकर एक मान्यता है कि जब आप यहां कोई जीव बलि के लिए लाते हैं तो उस जानवर को देवी के पास ले जाया जाता है.
फिर पुजारी कुछ अक्षत यानी चावल के दाने जीव पर फेंकता है तो वो जीव तुरंत ही मूर्क्षित हो कर वहीं गिर जाता है. ये बिल्कुल ऐसा लगता है जैसे इस जीव की जान चली गई.
हालांकि, ऐसा नहीं होता, पूजा के बाद ये जीव उठ खड़ा होता है और बड़े आराम से अपने पैरों पर चलकर मंदिर से बाहर आ जाता है.
कहा जाता है कि जहां ये मंदिर बना है उस जगह पर मां ने चण्ड-मुण्ड नाम के असुरों का वध किया था.
इसलिए ही ये माता मुंडेश्वरी देवी के नाम से प्रसिद्ध हैं.