दुनिया को भारत दे चुका है ये अनमोल उपहार

चेस का खेल भी भारत ने ही पूरी दुनिया को सिखाया है. यह खेल भारत का आविष्कार है. पुराने समय में यह  'चतुरंग' नाम से जाना जाता था. यह भारत से अरब होते हुए यूरोप गया था.

आयुर्वेद आज पूरी दुनिया में उपयोग किया जा रहा है. यह भी भारत की ही एक देन है. प्राचीन काल में रिषी मुनि जंगलों में जड़ी बूटियों से रोग नाशक औषधियां तैयार करते थे.

भारतीयों ने सबसे पहले शून्य का उपयोग प्रतीक के रूप में और अंकगणितीय संक्रियाओं में किया. शून्य की अवधारणा का आविष्कार महान गणितज्ञ आर्यभट्ट ने किया था.

शर्ट के बटन का आविष्कार भी सबसे पहले भारत में हुआ. सिंधु घाटी सभ्यता में 2000 ईसा पूर्व में सजावटी बटनों का उपयोग किया जाता था.

शैम्पू शब्द का अविष्कारक भारत ही है. यह शब्द मूलतः हिंदी शब्द चांपो से बनाया गया है.  

अंकगणित, ज्यामिति, बीजगणित, कैलकुलस आदि का शुभारंभ भी भारत में हुआ. शोधकर्ताओं का मानना है कि गणित में संख्याओं का निम्नलिखित अनुक्रम हेमचंद्र श्रेणी या फिबोनाची श्रेणी भी आधारित है.

बुद्धिज्म और जैनिज्म दोनों की उत्पत्ति भी भारत में ही हुई है. इतिहास के पन्नों में ये सबसे पहले भारत में ही पाए गए. ये भारत में ही सीमित रहे. हालांकि अब कुछ एशियन कंट्रीज में इनकी शाखाएं हैं.

ऊन का उद्योग 15 वीं शताब्दी में कश्मीर में शुरू हुआ था. यह कश्मीर के शासकों की देख रेख में होता था. यहीं से कश्मीरी ऊन के शॉल, स्वेटर, आदि पूरी दुनिया में फेमस हुए.

भारत के रहने वाले अजय भट्ट ने यूएसबी डिवाइस बनाई है. उन्हें नहीं पता था कि आगे चलकर उनकी यह डिवाइस पूरी दुनिया में एक जरूरी उपकरण के रूप में सामने आएगी. आज दुनिया में यूएसबी का इस्तेमाल करीब 2000 करोड़ लोग कर रहे हैं.

तक्षशिला विश्वविद्यालय: भारत ने 700 ईसा पूर्व में दुनिया को अपना पहला विश्वविद्यालय दिया था.