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डॉ. मनमोहन सिंह सिंह की स्वतंत्रता दिवस की स्पीच हमेशा उर्दू में होती थी. चलिए उनके बारे में कुछ रोचक फैक्ट्स बताते हैं.
डॉ. मनमोहन सिंह के मीडिया एडवाइजर रहे संजय बारू ने अपनी किताब 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' में कई किस्सों का जिक्र किया है.
पूर्व पीएम डॉ. सिंह दोपहर में लंच करने के बाद एक घंटा कैमरे के सामने भाषण देने की प्रैक्टिस करते थे.
डॉ. मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के तौर पर पहली बार स्पीच तैयार करने में 3 दिन लगे थे.
डॉ. मनमोहन सिंह को अच्छी उर्दू आती थी. स्वतंत्रता दिवस की उनकी स्पीच हमेशा उर्दू में होती थी. डॉ. सिंह ने हिंदी नहीं पढ़ना नहीं सीखा था.
डॉ. मनमोहन सिंह खुद को पब्लिक स्पीच के लिए पहले तैयार करते थे. उनके लिए कैमरे के सामने मुस्कराना भी आसान काम नहीं था.
साल 2004 में डॉ. सिंह को बैंकॉक में मीडिया से बात करना था. जब उनके तैयारी के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा था कि क्या शेर कभी अपने दांत साफ करता है.
साल 2004 में डॉ. सिंह पाकिस्तान से आए अपने बचपन के दोस्त मोहम्मद अली से दिल्ली में मिले. अली उनके पैतृक गांव की मिट्टी और पानी लेकर आए थे.
डॉ. सिंह जब दफ्तर जाने के लिए तैयार हो रहे होते थे तो 10वें सिख गुरु का शबद गुनगुनाया करते थे.